Saturday 13 October 2018

वक़्त सही तो सब सही...

सब सही होता है,
जब वक़्त सही होता है!
ना किसी का डाँटना अखरता है,
ना फटकारना बुरा लगता है!
हो सही गर वक़्त तो,
विष भी सुधा लगता है!
बात गहरी है, ज़रा कड़वी है,
के हालात, बताते हैं औकात!
हो बुरा जो वक़्त किसी का,
तो अच्छा हर काम बुरा लगता है!
मज़बूरी किसी की बहाना लगती है,
बातें अच्छी भी ताना लगती हैं!
कहते हैं इंसान कहाँ बदलते हैं,
बदल तो वक़्त जाता है!
इस वक़्त के खेल बड़े निराले हैं,
कहीं दिन में अंधेरा है, कहीं रात में उजाले हैं!
साजिशें हैं या के परखने के ये तरीके हैं,
हर पल एक नई तस्वीर दिखाता है!
वक़्त इंसान की असली औकात बताता है,
हो बुरा, या अच्छा, ये तो एक सीख सिखाता है!

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