Saturday 13 June 2020

लिखने बैठे...तो सोचा...

लिखने बैठे, तो सोचा,
यूँ लिख तो और भी लेते हैं,
ऐसा हम क्या खास लिखेंगे?
कुछ लोगों को तो ये भी लगेगा,
कि क्या ही होगा हमसे भला,
हम फिर कोई बकवास लिखेंगे!
अच्छा, यूँ वे हैं कुछ नहीं,
पर देखना कसम से,
जाने कितनी गहरी बात लिखेंगे!
मौन भी हैं कुछ लोग वैसे,
उनकी भी अपनी मर्ज़ी है,
शायद चुप्पी में वो अपने जज़्बात लिखेंगे!
कोई मुद्दा उठा लेगा गम्भीर-सा एक,
उसको उधेड़ेगा उसकी तह तक,
फिर बहुतेरे, उस पर इतिहास लिखेंगे!
दर्द जिसका है वो बस देखेगा,
खुद को कहानी होने से रोकेगा,
पर लोग फिर भी उसके हालात लिखेंगे!
और हाँ कुछ तो ऐसे भी ज़रूर होंगे,
जो खुद को समझते हैं महा ज्ञानी, महा पण्डित,
देखना किस्सा वो ऐसा दर्दनाक लिखेंगे!
लिखने बैठे, तो सोचा,
यूँ लिख तो और भी लेते हैं,
ऐसा हम क्या खास लिखेंगे???



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