ज़िन्दगी चल रही थी रफ़्तार से अपनी,
उलझती हुई, उलझाती हुई.
हम भी इस सफ़र में गुम से थे,
फिर अचानक मिले कुछ लोग,
यूँ ही कहीं किसी मोड़ पर.
चले साथ वो उन राहों पर कुछ वक़्त तक,
हमसफ़र हुए कुछ देर के लिए ही सही.
कभी थके, तो कभी बढ़े साथ हम,
जुदा हुए तो आँखें हुई नम, जब छोड़ गए वो,
यूँ ही कहीं किसी मोड़ पर.
हम फिर बढ़ चले, अपने सफ़र पर,
ना मुड़े, ना रुके कभी, कहीं.
सफ़र जारी रहा, ज़िन्दगी चलती गई,
जानते हैं फिर मिलेंगे कुछ नए से चेहरे हमें,
यूँ ही कहीं किसी मोड़ पर.
उलझती हुई, उलझाती हुई.
हम भी इस सफ़र में गुम से थे,
फिर अचानक मिले कुछ लोग,
यूँ ही कहीं किसी मोड़ पर.
चले साथ वो उन राहों पर कुछ वक़्त तक,
हमसफ़र हुए कुछ देर के लिए ही सही.
कभी थके, तो कभी बढ़े साथ हम,
जुदा हुए तो आँखें हुई नम, जब छोड़ गए वो,
यूँ ही कहीं किसी मोड़ पर.
हम फिर बढ़ चले, अपने सफ़र पर,
ना मुड़े, ना रुके कभी, कहीं.
सफ़र जारी रहा, ज़िन्दगी चलती गई,
जानते हैं फिर मिलेंगे कुछ नए से चेहरे हमें,
यूँ ही कहीं किसी मोड़ पर.
Very nice heart touching
ReplyDeletewow it nice one... ek hi din me itni sari baatein
ReplyDelete"Thank you Manoj Ji & Haresh Ji...!"
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